केद्रीय एमएसएमई मंत्रालय तैयार कर रहा प्रारूप
नई दिल्ली । केद्रीय सूक्ष्म,लघु व मध्यम उद्यम (एमएसएमई) मंत्रालय की तरफ से कृषि एवं इससे संबंधित छोटे कारोबार को लोन सुविधा मुहैया कराने कलिए माइक्रो फाइनेंसिंग संस्था बनाने पर विचार कर रहा है।जिसको लेकर माइक्रो फाइनेंसिंग संस्था के प्रारुप के लिए नीति आयोग और आइआइटी से भी चर्चा की जा रही है।
दरअसल केद्रीय एमएसएमई मंत्रालय की तरफ से कहा गया है कि माइक्रो फाइनेंसिंग संस्था सिर्फ 10 लाख रुपए तक के लोन देने का काम करेगी।जिसके तहत छोटे छोटे कारोबारियों एवं कृषि उत्पादों से संबंधित व्यवसाइयों को माइक्रो फाइनेंसिंग संस्था लोन देगी जिन्हें अमूमन बøकों से लोन लेने में काफी दिक्कत होती है।जिसको लेकर केद्रीय एमएसएमई मंत्रालय की तरफ से कहा गया है कि इस माइक्रों फाइनेंसिंग संस्था का प्रारुप तैयार होने क zबाद इसे भारतीय रिजर्व बøक (आरबीआई) के पास भेजा जाएगा।जिसे वेबसाईट पर सार्वजनिक कर माइक्रो फाइनेंसिंग संसथा का लाइसेंस देने का काम तीन में किया जा सकता है।जिसको लेकर 10-20 करोड़ रुपए से इस प्रकार की वित्तीय संस्था की शुरुआत की जा सकती है।ऐसे में अच्छा प्रदर्शन करने पर इनके आकार को बढाया जा सकता है।इस संस्था की ग्रेडिंग की जाएगी और ग्रेडिंग का काम एस शहर के चार्टर्ड अकाउंटेंट करेंगे।लोन देने की अधिकतम सीमा 10 लाख रुपए की होगी।माइक्रो फाइनेंसिंग संस्था डिपाजिट लेने का भी काम करेगी।ऐसे में माइक्रो फाइनेसिंग संस्था की शुरुआत होने से ग्रामीण इलाके में रोजगार के अवसर बढेंगे और कृषि से संबंधित व्यवसायों की दिश के सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) में हिस्सेदारी भी बढेगी।इस प्रकार की वित्तीय संस्था सेल्फ हेल्प ग्रुप से संबंधित लोगों को लोन देने के साथ छोटे छोटे कारोबारियों को भी लोन देने का काम करेगी।