हमारे संवाददाता
नई दिल्ली । घरेलू उद्योगों को बचाने के लिए केद्र सरकार की तरफ से टेक्निकल रेगुलेशन के माध्यम से 371 उत्पादों के आयात को हतोत्साहित करना चाहती है।जिसके तहत इनमें से 150 उत्पादों के लिए रेगुलेशन तैयार है जिनका वार्षिक आयात लगभग 47 अरब डॉलर यानी लगभग 3.52 लाख करोड़ रुपए का है।हालांकि विश्व व्यापार संगठन (डब्ल्यूटीओ) के टेक्निकल बैरियर्स-टू-ट्रेड (टीबीटी) के तहत टेक्निकल रेगुलेशन का इस्तेमाल किया जाता है।जिसमें उत्पाद के गुण,निर्माण प्रक्रिया निर्माण सामग्री,मार्किंग,लेबलिंग व सिंबल संबंधित दस्तावेज पेश करने होते हø और इनका पालन अनिवार्य होता है।
दरअसल आत्मनिर्भर भात अभियान के तहत भारत को मैन्यूफैक्चरिंग हब बनाने का फैसला किया गया है और इसके तहत ही यह सारी कवायद चल रही है।जिसको लेकर केद्र सरकार की तरफ से कहा जा रहा है कि पिछले एक वर्ष में आयातित माल को लेकर 50 स्टøडर्ड लागू किए गए ताकि भारतीय ग्राहकों को गुणवत्ता वाले उतपाद मिल सके।जिसको लेकर केद्रीय वाणिज्य व उद्योग मंत्रालय की तरफ से कहा जा रहा है कि प्राथमिकता की सूची में शामिल 24 सेक्टरों में मैन्यूफैक्चरिंग के प्रोत्साहन से आयात में 10 लाख करोड़ रुपए की कमी आ सकती है।इनमें से लगभग दर्जन भर सेक्टर के लिए केद्र सरकार ने हाल ही में प्रोडक्शन लिंक्ड इंसेंटिव की घोषणा की है।वहीं शेष क्षेत्रों को भी यह फायदा पहुंचाने की तैयारी है।