रमाकांत चौधरी
नई दिल्ली । नए कृषि कानून के विरोध कर रहे प्रदर्शनकारी किसान संगठन और केद्र सरकार के बीच 8 जनवरी 2021 को बेनतीजा रहा है।अब 15 जनवरी 2021 को अगली वार्ता होगी।उल्लेखनीय है कि किसान तीन कृषि कानूनों को वापस लेने की अपनी मांग पर अड़े हुए हø।वहीं केद्र सरकार इसे रद्द करने की जगह इसमें संशोधन करने को तैयार है।ऐसे में आखिरकार अगले दौर की वार्ता में क्या निष्कर्ष निकलेगा जिसको लेकर आम और खास में अभी से उत्सुकता लगी हुई है।
दरअसल केद्र सरकार के प्रतिनिधियों व किसानों के प्रतिनिधियों के बीच आठवें दौर की बैठक नई दिल्ली के विज्ञान भवन में 8 जनवरी 2021 को हुई थी।इससे पहले 4 जनवरी 2021 को भी सातवें दौर की बैठक हुई थी जो कि बेनजीजा रहने के चलते यह बैठक बेहद अहम थी।वहीं केद्र सरकार ने छठे दौर की बैठक 30 दिसम्बर 2020 को आयोजित की थीजिसमें केन्द की तरफ से किसानों की बिजली सब्सिडी और पराली जलाने संबंधी दो मांगों को मांग लिया था।
हालांकि इससे पहले की किसी वार्ता में किसानों को कोई सफलता नहीं मिली थी।
बहरहाल आठवें दौर की इस बैठक से पहले केद्रीय कृषि मंत्री नरेद्र सिंह तोमर ने कहा था कि उम्मीद है कि इस बार नतीजे सकारात्मक होंगे और उम्मीद है कि समाधान निकल जाएं।इसीबीच भारतीय किसान यूनियन (एक्ता अग्राहन) सिंगारा सिंह मान ने कहा कि दिल्ली के बाहरी क्षेत्र केएमपी एक्सप्रेस पर 7 जनवरी 2021 को तिरंगा और हजारों ट्रेक्टरों का मार्च निकाला था।वहीं अब 26 जनवरी 2021 को ट्रेक्टर पेरेड का रिहर्सल किया जाएगा।उल्लेखनीय कि केद्र सरकार के साथ किसाना संगठनों के आठवें दौर की बैठक में 40 किसान संगठनों के प्रतिनिािधि ने शिरकत की थी और अपनी मांगों पर डटे हुए थे और अपनी मांगों से पीछे हटने को तैयार नहीं थे।
15 जनवरी को पुन: होगी किसान प्रतिनिधियों से वार्ता
