हमारे संवाददाता
आयातित दलहन-दालो के भारी स्टॉक बाद भी दालो में राहत नही हुई है । विगत् हप्ते से तुवॉर और दाल के भारी तेज हुऐ भाव में भारी मंदी गुरूवार तक होना बताई गई । चना दाल का भाव निम्न 5600- मीडियम 5700- 5900 और 6000 रू तक बेस्ट का होना बताया जा रहा था । वायदा कारोबार में चने में तेजी पकड ली है हाजिर में 4900से 4925 रू उंचा स्थिर बताया जा रहा है । आगे आम धारणा है कि कई प्रतिशत उछली महंगाई में तुच्छ राहत आ सकती है मगर कोविड लॉकडाउन और अनलॉकडाउन के अनुपात को व्यापार जगत केश कर रहा बताया जा रहा है । बढी हुई महंगाई से कई उद्योग पतियो-व्यापारीयो को अगले कई माहो तक की राहत मिल चुकी है तथा मिलती रहेगी । इस महंगाई की आड में शाक सब्जी वालो ने भी अपनी चाले चलकर बडे उद्योपतियो की राह पकडी ली थी हांलाकि उसमें अभी राहत है मगर आगे गर्मी का सीजन है इसमें भी महंगाई बढ सकती है । टमाटर और आलू मे राहत है तो प्याज की तेजी जारी थी । प्याज का भाव 45 से 55 रू तक था । अन्य कोई भी शाक-सब्जी अब 50-80 रू किलो पर ही फिक्स हो गई है । सरकारी आंकडो पर खाने पीने की वस्तुओ में कुछ राहत आई मगर आम आदमी माह के 15 दिन बाद पारिवारिक शिक्षा,किराया और स्वास्थ पर से बाहर नही निकल पा रहा है । स्वयं के मकान के सपने से वह दूर चला गया है । तनखाह बढ जाने से पेट तो भर लेगा मगर बचत झीरो की किल्लतो में जी रहा है यह सदन में बैठकर नही देखा जा सकता है ।
वायदा कारोबार, बहुराष्टिय कंपनिया और बडे स्टाकिस्टो की चालो की सक्रियता से बाजार तेजी बनाता जा रहा है । इस वर्ष हुई अच्छी वर्षा से मालवा रबि की फसलो पर से भी अच्छी उन्नती की संभावना परिलक्षित हो रही बताते है । व्यापारिक क्षैत्रो के अनुसार चने का भविष्य मंद ाड्ड सूचक नही बताया जा रहा है । ऐसी बाजार में धारणा फैली हुई है । चने में लगभग 200-300 बोरी की आवके है और काबली चने की आवकें लगभग 700 बोरी की आवक बताई गई है । बताया जा रहा है कि डॉलर चने की आवकें कमजोर पड जाने से गत् हप्ते में तेजी का वातावरण बना है । हांलाकि अभी नया चना की आवके का वेग मार्च -अप्रेल मे अधिक रहेगा । गत् हप्ते डालर चने के साथ साथ अन्य चने पर भी तेजी रही है । गत! हप्ते गुरूवार को चना कांटा 4900 से 4925 रू और देशी चना 4500से 470 0 रू तक था । डबल डालर तेजी में 6500 पर जा रहा है ।
अनुकूल परिस्थितियों के बावजूद दाल-दलहनों में मजबूती
