12 और 18 प्र. श. का जीएसटी स्लैब मर्ज होगा तो
हमारे प्रतिनिधि
नई दिल्ली। जीएसटी कासिल की मार्च के पहले सप्ताह में होने वाली बैठक में 12 प्र.श. और 18 प्र.श. के स्लैब को मर्ज करने के प्रस्ताव को मंजूर किया जाएगा तो दैनिक उपभोग की अनेक वस्तु महंगी होगी। जबकि किचनवेयर और गार्म़ेंट सस्ता होने के संभावना विशेषज्ञ व्यक्त कर रहे ह।
जीएसटी कासिल यदि सिंगल रेट का प्रस्ताव मंजूर करेगी तो घी, बटर, चीज और चश्मा जैसी वस्तुएं कदाचित् महंगी हो सकती ह। जबकि साबुन, रसोई में उपयोग होने वाली वस्तुए और गार्म़ेंट सस्ते हो सकते ह। हालांकि फिटमेंट कमिटी इस बारे में व्यक्तिगत वस्तुओं पर समान जीएसटी दर के बारे में अंतिम निर्णय लेगी, ऐसी जीएसटी कासिल के एक अधिकारी ने कहा। 12 प्र.श. और 18 प्र.श. की दरों को एक समानदर में करने के पक्ष में केद्र सरकार है। कुछ राज्यों ने इन दोनों दरों का एक दर में रूपांतर करने की मांग की थी और उसके बाद 15वें वित्त आयोग ने उसे मान्यता दी थी। डायमंड और कीमती धातुओं पर 0.25 प्र.श. और 3 प्र.श. की विशेष जीएसटी दर लागू है।
मल्टीपल रेट कट के कारण जीएसटी दरों में निर्मित हुई असमानता को दूर करने के लिए 15वें वित्त आयोग ने भी जीएसटी की दरों में संतुलन लाने का अनुरोध इस महीने संसद में पेश हुई रिपोर्ट में केद्र सरकार से किया है।
जीएसटी का स्लैब मर्ज करने के लिए इससे पहले भी चर्चा हुई थी और भूतपूर्व वित्तमंत्री अरुण जेटली ने 12 प्र.श. और 18 प्र.श. के दो स्लैब रखने के स्थान पर उनके बीच की एक दर रखने की सिफारिश दिसंबर-2018 में की थी उसमें शून्य रेट, 5 प्र.श. और लग्जरी चीजों के लिए उच्च स्टडर्ड जीएसटी दर निश्चित करने की सिफारिश की थी।
किचनवेयर और गार्म़ेंट्स सस्ता होने की संभावना
